ज्योतिष में, मंगल को आक्रामकता, ऊर्जा और विवाद का ग्रह माना जाता है। जब मंगल राशि चक्र में अन्य ग्रहों के संपर्क में आता है, तो इसका व्यक्ति के जीवन में विवाद और संघर्ष पैदा करने की प्रवृत्ति होती है।
ग्रहों के साथ मंगल की युति और विवाद
ज्योतिष में, कुछ विशिष्ट ग्रहों के साथ मंगल को विवाद और संघर्ष का कारण माना जाता है। ये युति इस प्रकार हैं:
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मंगल+सूर्य: पिता या अधिकार के आंकड़ों के साथ विवाद
मंगल+चंद्रमा: माता या भावनात्मक मामलों के साथ विवाद
मंगल+शनि: कारीगरों या श्रमिकों के साथ विवाद
मंगल+शुक्र: पत्नी या रोमांटिक भागीदारों के साथ विवाद
मंगल+बुध: मित्रों या भाई-बहनों के साथ विवाद
मंगल+केतु: संतान या अन्य संबंधियों के साथ विवाद
मंगल+राहु: सफाई कर्मचारियों या निम्न सामाजिक स्थिति वाले व्यक्तियों के साथ विवाद
मंगल+गुरु: शिक्षकों या धार्मिक नेताओं के साथ विवाद
विवाद पैदा करने वाले कारक
इन ग्रहों की युति के अतिरिक्त, अन्य कारक भी मंगल के प्रभाव में विवाद और संघर्ष पैदा कर सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
मंगल मेष और वृश्चिक राशियों में मजबूत होता है, जिससे अधिक संघर्ष होता है। यदि मंगल कुंडली में कमजोर या अशुभ होता है, तो यह भी विवाद पैदा कर सकता है।
यदि मंगल अन्य ग्रहों को दृष्टि करता है या उनके साथ युति बनाता है, तो संघर्ष और विवाद की संभावना बढ़ जाती है।
दशा और अंतर्दशा: जब मंगल की दशा या अंतर्दशा चलती है, तो व्यक्ति विवादों और संघर्षों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
विवाद को रोकना
ज्योतिषीय प्रभावों के बावजूद, विवादों और संघर्षों को प्रबंधित करना और कम करना संभव है। इसके लिए आपको एक अच्छे ज्योतिषी से सम्पर्क साधना चाहिए