मां दुर्गा की कृपा पाने का पावन मार्ग: नवरात्रि और दुर्गा सप्तशती
Sep 18, 2024
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मां दुर्गा की कृपा पाने का पावन मार्ग: नवरात्रि और दुर्गा सप्तशती
सनातन धर्म में, प्रत्येक तिथि और पर्व का अपना विशिष्ट महत्व है। अश्विन अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि का शुभारंभ होता है। पितरों की विदाई के अगले दिन से ही नवरात्रि का प्रारंभ होता है। 3 अक्टूबर 2023 से मां दुर्गा के नवरात्रि का शुभारंभ होगा। अश्विन माह में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के रूप में जाना जाता है।
नवरात्रि के नौ दिनों तक, मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इन नौ दिनों में मां दुर्गा धरती पर अपने भक्तों के बीच प्रकट होती हैं और उनकी श्रद्धा और भक्ति से प्रसन्न होकर उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि नवरात्रि के नौ दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाए, तो व्यक्ति के पुरुषार्थ में वृद्धि होती है। इसके साथ ही, व्यक्ति काम, क्रोध आदि विषयों पर विजय प्राप्त करता है।
नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ से मिलने वाले लाभ:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, संसार में प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी परेशानी से घिरा रहता है। पारिवारिक कलह, संपत्ति विवाद और अन्य समस्याओं से बचने के लिए नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना लाभकारी माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति को कड़ी मेहनत के बाद भी कार्यों में सफलता नहीं मिल रही हो, तो विधिपूर्वक दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से उसे संकटों से मुक्ति मिलेगी।
यह मान्यता है कि दुर्गा सप्तशती का पाठ नित्य किया जाना चाहिए। लेकिन यदि नित्य पाठ संभव न हो, तो नवरात्रि के नौ दिनों में नियमित रूप से दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। पाठ मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने खड़े होकर करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, दुर्गा सप्तशती का पाठ करना और सुनना गृहस्थों के लिए वरदान है। इससे घर में व्याप्त नकारात्मकता दूर होती है।
मां दुर्गा की कृपा पाने का पावन मार्ग: नवरात्रि और दुर्गा सप्तशती के इस आलेख में आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी कैसे लगी
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दुर्गा सप्तशती का पाठ करने की विधि:
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है:
शुद्ध स्नान करके पूजा स्थान को साफ करें।
मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
दीपक जलाएं और धूप जलाएं।
पुष्प, धान और मिठाई चढ़ाएं।
दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करने से पहले मां दुर्गा का आह्वान करें।
पाठ को ध्यानपूर्वक और भक्ति भाव से पढ़ें।
पाठ के अंत में मां दुर्गा की आरती करें।
दुर्गा सप्तशती के पाठ के दौरान सावधानियां:
दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखना भी आवश्यक है:
पाठ को शुद्धता और भक्ति के साथ करें।
पाठ के दौरान किसी भी प्रकार का विक्षेप न आने दें।
पाठ करते समय मन को शांत और स्थिर रखें।
पाठ के दौरान मांसाहार, शराब और तामसिक भोजन का सेवन न करें।
दुर्गा सप्तशती के पाठ से प्राप्त लाभों को दूसरों के साथ साझा करें।
मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए नवरात्रि का समय अत्यंत अनुकूल होता है। दुर्गा सप्तशती का पाठ इस पवित्र काल में किया जाना चाहिए, क्योंकि यह पाठ व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि और आध्यात्मिक विकास लाता है। मां दुर्गा की भक्ति और दुर्गा सप्तशती का पाठ करके, व्यक्ति जीवन के संघर्षों को पार कर सकता है और अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।
नवरात्रि के पवित्र अवसर पर, आइए हम सभी मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें और उनके प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करें। दुर्गा सप्तशती का पाठ करके, हम मां दुर्गा की शक्ति और अनुग्रह से लाभ उठा सकते हैं और हमारे जीवन में शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकते हैं।